२६ जनवरी गणतन्त्र दिवस (भारत) : २६ जनवरी क्यों मनाया जाता है.

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गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 में भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक हैस्‍वतन्त्रता दिवस संविधान के रचियता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर हैं।

एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। स्कूलों, कॉलेजों आदि मे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर भारतीय ध्वज फहराते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली को अच्छी तरह सजाया जाता है कर्त्तव्यपथ पर बड़ी धूम-धाम से परेड निकलती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियाँ होतीं हैं। देश के कोने कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। भारतीय सेना अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन होता है। 26 जनवरी के दिन धूम-धाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है तथा बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

देश के हर कोने मे जगह जगह ध्वजवन्दन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनातें हैं। भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है , और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है ।


गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य :-

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।

वेसे तो हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ों के चंगुल से आज़ाद हो गया था परंतु इस आज़ादी को रूप 26 जनवरी को दिया गया। तब से अब तक हम इस दिवस को आज़ादी के दिन के रूप मे मनाते है आज हमे आज़ादी मिले हुए पूरे 75 साल हो चुके है

हमारे देश की आज़ादी किसी भी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुई हमारे देश की आज़ादी बहुत सारे भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, अशफ़ाक उल्ला खां, आज़ाद आदि जैसे महान पुरूषो के बलिदान का परिणाम है। देश भक्त अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो से बंधा ना देख सके अपने देश को आज़ाद कराने के लिए उन्होने अपने प्राण तक त्याग दिये उनके बलिदानों के कारण अंग्रेज़ों को अपने घुटने टेकने पड़े और उन्होने भारत को आज़ाद कर दिया।

गणतंत्र दिवस के दिन हम इन महान पुरुषों के बलिदान को याद करते हैं और प्रेरणा लेते है कि हम भी इन्ही महान पुरुषों की तरह अपने देश के लिए अपने प्राण त्याग देंगे उसकी आन मान और शान की रक्षा के लिए हर समय तय्यार रहेंगे और दोबारा कभी अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो में बंधने नहीं देंगे हम सब को इन देश भक्तो से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की हिफाज़त के लिए तैयार रहना चाहिए। गणतंत्र दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है कि हम महान पुरुषों के बलिदान को याद करके उनसे प्रेरणा लेते है।

प्रत्येक भारत वासियों को भारत के शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश को ऊँचायो तक पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और हर भारतीय का कर्तव्य बनता है कि वह देश के विकास के लिए अपना पूरा योगदान दे और देश की रक्षा के लिए हर समय खड़ा रहे।

 इतिहास :-

सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद प्रदान नहीं करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके पश्चात स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1946 से आरंभ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ० भीमराव अम्बेडकरजवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण संविधान लिखनाया निर्माण करनाथा। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधिवेत्ता डॉ० भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किये। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई। जैसा कि आप सभी जानते है कि 15 Aug 1947 को अपना देश हजारों देशभक्तों के बलिदान के बाद अंग्रेजों की दासता (अंग्रेजों के शासन) से मुक्त हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय साशन और कानून व्यवस्था लागू हुई। भाईयो और बहनों ने इस स्वतन्त्रता को पाने में अपने देश की हजारों-हजारों माताओं की गोद सूनी हो गई थी, हजारों बहनों बेटियों के माँग का सिंदूर मिट गया था, तब कहीं इस महान बलिदान के बाद देश स्वतंत्र हो सका था। जिस तरह देश का संविधान है, ठीक उसी तरह परमात्मा का भी संविधान है, यदि हम सब देश की संविधान की तरफ परमात्मा के संविधान का पालन करें तो समाज अपराध मुक्त व सशक्त बन सकता है।

 

    गणतंत्र दिवस समारोह

          राजपथ पर प्रथम गणतंत्र समारोह में सम्मलित होने (घोड़े की बग्घी में) जाते देश प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद

अग्नि-२ मिसाइल का वर्ष २००४ की परेड में प्रदर्शन

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दी जाती है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल राजपथ पर एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की जाती है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंटवायुसेनानौसेना आदि सभी भाग लेते हैं। इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते हैं, समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है। परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) पर पुष्प माला अर्पित करते हैं। इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है। इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं।

परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है। परेड और जुलूस राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित होता है और देश के हर कोने में करोड़ों दर्शकों के द्वारा देखा जाता है। 2014 में, भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर परमहाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राईव पर परेड आयोजित की, जैसी हर वर्ष नई दिल्ली में राजपथ में होती है।

 

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि

भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची:

वर्ष

पद और मुख्य अतिथि का नाम

सम्बंधित देश

2021

2020

राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारो

ब्राजील

2019

राष्ट्रपति, सिरिल रामाफोसा

दक्षिण अफ्रीका

2018

सभी दस आसियान देशों के प्रमुख

ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम

2017

क्राउन प्रिंसमोहम्मद बिन जायद अल नाहयान

अबु धाबी

2016

राष्ट्रपतिफ्रांस्वा ओलांद, राष्ट्रपतिमैत्रीपाल सिरिसेन

फ्राँस , श्रीलंका

2015

राष्ट्रपतिबराक ओबामा

यूएसए

2014

प्रधानमंत्रीशिंजो अबे

जापान

2013

राजाजिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक

भूटान

2012

प्रधानमंत्रीयिंगलक चिनावाट

थाईलैंड

2011

राष्ट्रपतिसुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो

इंडोनेशिया

2010

राष्ट्रपतिली म्यूंग बक

कोरिया गणराज्य

2009

राष्ट्रपतिनूर्सुल्तान नाज़र्बायव

कज़ाकिस्तान

2008

राष्ट्रपतिनिकोलस सरकोजी

फ्रांस

2007

राष्ट्रपतिव्लादिमीर पुतिन

रुस

2006

राजाशाह अब्दुल्ला

सउदी अरब

सऊदी अरब के राजा

2005

राजाजिग्मे सिंगये वांगचुक

भूटान

2004

राष्ट्पतिलुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा

ब्राजील

2003

राष्ट्पतिमोहम्मद ख़ातमी

इरान

2002

राष्ट्पतिकसम उतेम

मॉरीशस

2001

राष्ट्पतिअब्देलाज़िज बुटेफ्लिका

अलजीरीया

2000

राष्ट्पतिऑल्यूसगुन ओबसांजो

नाइजीरिया

1999

राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव

नेपाल

1998

राष्ट्रपतिज़्याक शिराक

फ्रांस

1997

प्रधानमंत्रीबसदेव पाण्डे

त्रिनीनाद और टोबैगो

1996

राष्ट्रपतिलुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा

ब्राजील

1995

राष्ट्रपतिनेल्सन मंडेला

दक्षिण अफ्रिका

1994

प्रधानमंत्रीगोह चोक टोंग

सिंगापुर

1993

प्रधानमंत्रीजॉन मेजर

यूके

1992

राष्ट्रपतिमेरियो सोरेस

पुर्तगाल

1991

राष्ट्रपतिमॉमून अब्दुल गय्यूम

मालदीव

1990

प्रधानमंत्रीअनिरुद्ध जगन्नाथ

मॉरीशस

1989

नगुय वं लनं

वियतनाम

1988

राष्ट्रपतिजूनिअस रिचर्ड जयवर्धने

श्रीलंका

1987

राष्ट्रपतिएलन गार्सिया , राष्ट्रपति ,रॉबर्ट मुगाबे

पेरु , जिम्बाब्वे

1986

प्रधानमंत्रीएँड्रियास पपनड्रीयु

ग्रीस

1985

राष्ट्रपतिराउल अल्फोंसिन

अर्जेन्टीना

1984

राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक , इंडोनेशियाई सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रुदिनी

भूटान , इंडोनेशिया

1983

राष्ट्रपतिसेहु शगारी

नाइजीरिया

1982

राजाजॉन कार्लोस प्रथम

स्पेन

1981

राष्ट्रपतिजोस लोपेज़ पोर्टिलो

मेक्सिको

1980

राष्ट्रपतिवैलेरी गिसकर्ड डी 'ईस्टांग

फ्रांस

1979

प्रधानमंत्रीमैल्कम फ्रेजर

ऑस्ट्रेलिया

1978

राष्ट्रपतिपैट्रिक हिलरी

ऑयरलौंड

1977

प्रथम सचिवएडवर्ड गिरेक

पौलैण्ड

1976

प्रधानमंत्री, ज़्याक शिराक

फ्रांस

1975

राष्ट्रपतिकेनेथ कौंडा

जांबिया

1974

राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटो

यूगोस्लाविया

प्रधानमंत्रीसिरिमावो बन्दरानाइक

श्रीलंका

1973

राष्ट्रपतिकर्नल जॉसेफ़ मोबूतो

जैरे

1972

प्रधानमंत्रीशिवसागर रामगुलाम

मॉरीशस

1971

राष्ट्रपतिजुलियस नीयरेरे

तंजानिया

1970

1969

प्रधानमंत्रीटॉड झिवकोव

बुल्गारिया

1968

प्रधानमंत्रीअलेक्सी कोसिजिन

सोवियत यूनियन

राष्ट्रपतिजोसिप ब्रोज टीटो

यूगोस्लाविया

1967

1966

1965

खाद्य एवं कृषि मंत्रीराना अब्दुल हामिद

पाकिस्तान

1964

1963

राजानोरोडोम सिहानोक

कंबोडिया

1962

1961

रानीएलिज़ाबेथ द्वितीय

यूके

1960

राष्ट्रपतिक्लिमेंट वोरोशिलोव

सोवियत संघ

1959

1958

मार्शल ये जियानयिंग

चीन

1957

1956

1955

गर्वनर जनरलमलिक गुलाम मोहम्मद

पाकिस्तान

1954

राजाजिग्मे दोरजी वांगचुक

भूटान

1953

1952

1951

1950

राष्ट्रपतिसुकर्णो

इंडोनेशिया


                                                                            भारत का झंडा गणतंत्र दिवस पर
रात में चमकता हुआ राष्ट्रपति भवन

भारतीय वायु सेना की हवाई कलाबाजी प्रदर्शन टीम तिरंगा प्रदर्शित करते हुए।

गणतंत्र दिवस पर सीमा सुरक्षा बल के जवान।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कमांडो 2017 गणतंत्र दिवस परेड में मार्च करते हुए।





 

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